Wednesday, March 2, 2011

ग़ज़ल:- केंचुल में ज़हरीले लोग


ग़ज़ल:- केंचुल में ज़हरीले लोग 

आकर्षक चमकीले लोग
केंचुल में ज़हरीले लोग |

आत्ममुग्धता की परिणति हैं
सुन्दर सुघड सजीले लोग |

भूख की आंच पे चढ़ते हैं नित
खाली पेट पतीले लोग |

झंझावाती जीवन सागर
हम शंकित रेतीले लोग |

चीर हरण करते आँखों से
कुंठाओं के टीले लोग |

स्वार्थ की धूप में पानी पानी
बे उसूल बर्फीले लोग |

पथरीली चौपाल देश की
चर्चा में पथरीले लोग |

गांव में आकर शहर खा गये
परिश्रमी फुर्तीले लोग |

गिरगिट जैसा रंग बदलते
चापलूस चमचीले लोग |

ज़्यादातर अव्वल आला हैं
अवसरवादी ढीले लोग |

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